Homeदेश - विदेशकाशीपुर की सड़कों पर गूंजेगा तिरंगे का जयघोष: एकता की मिसाल बनेगी...

काशीपुर की सड़कों पर गूंजेगा तिरंगे का जयघोष: एकता की मिसाल बनेगी अल्पसंख्यक मोर्चा की तिरंगा यात्रा

काशीपुर, इस प्राचीन नगर की गलियों में जहां इतिहास की धड़कनें आज भी महसूस होती हैं, वहां स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक ऐसा आयोजन होने जा रहा है जो राष्ट्रप्रेम की भावना को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। कल, 11 अगस्त 2025 को प्रातः 8:30 बजे, बासफोड़ान पुलिस चौकी से निकलने वाली तिरंगा यात्रा न केवल एक साधारण जुलूस होगी, बल्कि यह एकता, सद्भाव और देशभक्ति की जीवंत तस्वीर बनेगी। उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष इंतजार हुसैन के नेतृत्व में यह यात्रा नगर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए मोहल्ला किला बाजार पर समाप्त होगी, लेकिन इसके प्रभाव की गूंज दूर-दूर तक सुनाई देगी।

यह यात्रा महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक संदेश है—संदेश उस भारत का जहां हर धर्म, हर समुदाय का दिल एक ही धुन पर धड़कता है: ‘भारत माता की जय’। इंतजार हुसैन, जिनकी आवाज में वर्षों की सामाजिक सेवा की गहराई झलकती है, ने इस आयोजन को एक ऐसा मंच बनाने का संकल्प लिया है जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता, समाजसेवी, सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राएं, मदरसों के बच्चे,आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्य कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे। कल्पना कीजिए, सड़कों पर तिरंगे की लहराती हुई लहरें, बच्चों के मासूम चेहरों पर देशभक्ति की चमक, और बुजुर्गों की आंखों में आजादी की लड़ाई की यादें—यह दृश्य कितना हृदय स्पर्शी होगा !

प्रदेश अध्यक्ष इंतजार हुसैन की अपील में वह संवेदनशीलता है जो एक सच्चे नेता की पहचान होती है। उन्होंने नगरवासियों और आस-पास के सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि वे इस यात्रा में शामिल होकर इसे सफल बनाएं। “आइए, हम सब मिलकर तिरंगे की गरिमा को बढ़ाएं,” उन्होंने कहा, “हर व्यक्ति अपने साथ तिरंगा झंडा लेकर आए, ताकि यह यात्रा न केवल एक आयोजन बने, बल्कि राष्ट्र की एकता का प्रतीक बने।” उनकी यह बातें सुनकर लगता है मानो वे दिल की गहराइयों से बोल रहे हों, जहां राजनीति से ऊपर उठकर मानवता और देशप्रेम का निवास है।

अल्पसंख्यक मोर्चा की यह पहल विशेष रूप से सराहनीय इसलिए है क्योंकि यह ऐसे समय में हो रही है जब समाज में विभाजन की कोशिशें होती रहती हैं, लेकिन ऐसी यात्राएं हमें याद दिलाती हैं कि हमारा तिरंगा सबको एक सूत्र में बांधता है—सफेद रंग की शांति, हरा रंग की समृद्धि और केसरिया की वीरता में सभी समाहित हैं।काशीपुर, जो कि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, इस यात्रा के माध्यम से एक बार फिर अपनी उदारता और समावेशिता का परिचय देगा।

तिरंगा यात्रा का मार्ग बासफोड़ान पुलिस चौकी से शुरू होकर मुख्य बाजारों, गलियों और मोहल्लों से गुजरते हुए किला बाजार पर समापन होगी—यह ऐसा लगेगा जैसे पूरा शहर तिरंगे के रंग में रंग गया हो। इसमें शामिल होने वाले विद्यालय और मदरसे के बच्चे, जो भविष्य के कर्णधार हैं, इस अनुभव से सीखेंगे कि देशभक्ति कोई किताबी बात नहीं, बल्कि जीने का तरीका है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं, जो ग्रामीण भारत की रीढ़ हैं, अपनी भागीदारी से साबित करेंगी कि राष्ट्रसेवा हर स्तर पर संभव है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और समाजसेवी इस यात्रा को राजनीतिक से ऊपर उठाकर एक सामाजिक उत्सव का रूप देंगे, जहां मतभेद भुलाकर सभी एक हो जाएंगे।इस आयोजन की तैयारी में जो उत्साह दिख रहा है, वह बताता है कि काशीपुर के लोग कितने जागरूक और राष्ट्रप्रेमी हैं।

इंतजार हुसैन ने अपील की है कि हर नागरिक इसमें शरीक हो, क्योंकि यह यात्रा न केवल स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या को यादगार बनाएगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी। कल की सुबह जब सूरज की पहली किरणें काशीपुर पर पड़ेंगी, तो तिरंगा यात्रा की शुरुआत के साथ एक नई ऊर्जा का संचार होगा। यह यात्रा हमें याद दिलाएगी कि आजादी की कीमत क्या है और इसे संजोने की जिम्मेदारी हम सबकी है।ऐसे में, यदि आप काशीपुर में हैं या आस-पास, तो इस अपील पर अमल करें। तिरंगा हाथ में थामें, यात्रा में शामिल हों और महसूस करें उस भावना को जो हमें भारतीय बनाती है। यह यात्रा सफल हो, और इसके माध्यम से फैले सद्भाव का संदेश पूरे उत्तराखण्ड में गूंजे—यही हमारी कामना है।

RELATED ARTICLES

Most Popular